अगस्त प्रस्ताव 1940 | August Proposal Explained in Hindi

अगस्त प्रस्ताव क्या था?

अगस्त प्रस्ताव (August Offer) ब्रिटिश सरकार द्वारा 8 अगस्त 1940 को भारतीय नेताओं को दिया गया एक महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रस्ताव था। इसका उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के समय भारतवासियों का समर्थन प्राप्त करना था। यह प्रस्ताव वायसराय लॉर्ड लिनलिथगो द्वारा पेश किया गया था।

                                                          

अगस्त प्रस्ताव 1940 | August Proposal Explained in Hindi

पृष्ठभूमि

1939 में जब द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ, तो ब्रिटिश सरकार ने बिना भारतीय नेताओं की सहमति के भारत को युद्ध में शामिल कर लिया। इससे भारतीय नेताओं, विशेषकर कांग्रेस पार्टी में भारी असंतोष फैल गया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश सरकार से स्पष्ट रूपरेखा की मांग की कि स्वतंत्रता कब और कैसे दी जाएगी। इसी संदर्भ में अगस्त प्रस्ताव सामने आया।

मुख्य बिंदु

     
  • एक नए भारतीय संविधान के निर्माण के लिए बाद में एक संविधान सभा बनाई जाएगी।
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  • किसी भी भविष्य के संविधान में अल्पसंख्यकों की राय को अनदेखा नहीं किया जाएगा।
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  • युद्ध के बाद भारत को ‘डोमिनियन स्टेटस’ (स्वायत्त राष्ट्र) का दर्जा दिया जाएगा।
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  • भारत की कार्यकारी परिषद में भारतीयों को और अधिक शामिल किया जाएगा।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अगस्त प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया क्योंकि इसमें भारत को पूर्ण स्वतंत्रता देने की कोई स्पष्ट या ठोस गारंटी नहीं थी। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसकी कड़ी आलोचना करते हुए इसे "पूरी तरह बेजान" (dead as a doornail) बताया। उनका कहना था कि यह प्रस्ताव भारत की आकांक्षाओं और आत्मनिर्णय के अधिकार का अपमान है और भारतीय जनता अब केवल "डोमिनियन स्टेटस" नहीं, बल्कि संपूर्ण स्वतंत्रता चाहती है।

महात्मा गांधी ने भी इस प्रस्ताव को यह कहकर खारिज कर दिया कि यह ब्रिटिश सरकार और राष्ट्रवादियों के बीच की खाई को और चौड़ा करेगा। कांग्रेस के अन्य नेताओं, जैसे सरदार वल्लभभाई पटेल और राजेन्द्र प्रसाद ने भी इस प्रस्ताव को अपर्याप्त और भ्रमकारी बताया।

कुल मिलाकर कांग्रेस का यह स्पष्ट मत था कि अगस्त प्रस्ताव में भारत की संप्रभुता और लोकतांत्रिक अधिकारों की गारंटी नहीं है। इसके विरोध में कांग्रेस ने “व्यक्तिगत सत्याग्रह” आंदोलन की शुरुआत की, जो एक शांतिपूर्ण लेकिन सशक्त विरोध था।

अगस्त प्रस्ताव का प्रभाव

अगस्त प्रस्ताव के विरोध में कांग्रेस ने "व्यक्तिगत सत्याग्रह" आंदोलन चलाया। इसके बाद 1942 में "भारत छोड़ो आंदोलन" की शुरुआत हुई। यद्यपि प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया, लेकिन यह ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीय स्वतंत्रता की दिशा में पहला औपचारिक कदम माना गया।


सामान्य प्रश्न (FAQs)

1. अगस्त प्रस्ताव किसने प्रस्तुत किया?

अगस्त प्रस्ताव वायसराय लॉर्ड लिनलिथगो ने 8 अगस्त 1940 को प्रस्तुत किया था।

2. अगस्त प्रस्ताव का उद्देश्य क्या था?

इसका उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध में भारतवासियों का समर्थन प्राप्त करना था और युद्ध के बाद भारत को स्वायत्तता देने का वादा करना था।

3. कांग्रेस ने अगस्त प्रस्ताव को क्यों अस्वीकार किया?

क्योंकि इसमें पूर्ण स्वतंत्रता का कोई स्पष्ट वादा नहीं था। पंडित नेहरू ने इसे "पूरी तरह बेजान" (dead as a doornail) कहा और कांग्रेस ने इसे ब्रिटिश सरकार की चाल माना।

4. अगस्त प्रस्ताव का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन पर क्या प्रभाव पड़ा?

इस प्रस्ताव के बाद कांग्रेस ने व्यक्तिगत सत्याग्रह शुरू किया और बाद में 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई।

 

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