कांग्रेस अधिवेशन लिस्ट (1885-1947) | Congress Sessions

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) के अधिवेशनों का महत्व अतुलनीय है। चाहे आप UPSC, SSC या किसी भी राज्य स्तरीय परीक्षा की तैयारी कर रहे हों, या फिर इतिहास में रुचि रखते हों, कांग्रेस के अधिवेशनों की जानकारी होना बहुत जरूरी है।

कांग्रेस अधिवेशन लिस्ट (1885-1947) | Congress Sessions


अक्सर इंटरनेट पर टुकड़ों में जानकारी मिलती है, लेकिन आज इस लेख में हम आपके लिए लेकर आए हैं 1885 से 1947 तक के सभी प्रमुख कांग्रेस अधिवेशनों की एक व्यवस्थित लिस्ट (Congress Sessions List in Hindi)। इसमें न केवल स्थान और अध्यक्ष का नाम है, बल्कि उस समय लिए गए ऐतिहासिक फैसलों और शामिल प्रतिनिधियों की संख्या का भी जिक्र है।

कांग्रेस की स्थापना: एक नजर में

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई थी। इसके संस्थापक ए.ओ. ह्यूम (A.O. Hume) थे, जो एक अवकाश प्राप्त अंग्रेज अधिकारी थे। इसका पहला अधिवेशन बंबई (अब मुंबई) के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत विद्यालय में हुआ था। दिलचस्प बात यह है कि उस समय केवल 72 प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया था, लेकिन यही छोटी सी शुरुआत आगे चलकर भारत की आजादी का सबसे बड़ा मंच बनी।

कांग्रेस अधिवेशनों का महत्व क्यों है?

कांग्रेस के अधिवेशन केवल एक वार्षिक बैठक नहीं थे। ये वो मंच थे जहाँ:

  • पूर्ण स्वराज की मांग उठाई गई।
  • जन-गण-मन और वंदे मातरम् पहली बार गाए गए।
  • गांधी जी ने अपना एकमात्र अध्यक्षीय भाषण दिया।
  • नरम दल और गरम दल का विभाजन और फिर मिलन हुआ।

1885 से 1947 तक: कांग्रेस अधिवेशनों की पूरी लिस्ट

नीचे दी गई तालिका (Table) में आजादी से पहले के सभी महत्वपूर्ण अधिवेशनों को शामिल किया गया है। इसे बहुत ही सरल भाषा में तैयार किया गया है ताकि आप इसे आसानी से याद कर सकें।

वर्ष स्थान अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रमुख फैसला/विशेषता
1885 बंबई व्योमेश चंद्र बनर्जी 72 कांग्रेस की स्थापना।
1886 कलकत्ता दादाभाई नौरोजी 436 नेशनल कॉन्फ्रेंस का विलय।
1887 मद्रास बadruddin तैयबजी 607 प्रथम मुस्लिम अध्यक्ष।
1888 इलाहाबाद जॉर्ज यूल 1248 प्रथम अंग्रेज अध्यक्ष।
1889 बंबई विलियम वेडरबर्न 1889 महिलाओं की पहली भागीदारी।
1896 कलकत्ता रहमतुल्लाह सयानी - 'वंदे मातरम्' पहली बार गाया गया।
1905 बनारस गोपाल कृष्ण गोखले - बंग-भंग की निंदा, स्वदेशी का समर्थन।
1906 कलकत्ता दादाभाई नौरोजी - 'स्वराज' शब्द का प्रयोग।
1907 सूरत रासबिहारी घोष 1600+ कांग्रेस का विभाजन (सूरत फूट)।
1911 कलकत्ता बिशन नारायण धर - 'जन-गण-मन' पहली बार गाया गया।
1916 लखनऊ अंबिका चरण मजूमदार - लखनऊ पैक्ट (मुस्लिम लीग से समझौता)।
1917 कलकत्ता एनी बेसेंट - प्रथम महिला अध्यक्ष।
1920 (Sp.) कलकत्ता लाला लाजपत राय - असहयोग आंदोलन प्रस्ताव।
1920 नागपुर सी. विजयराघवाचार्य 14k+ भाषाई आधार पर प्रांतों की मांग।
1924 बेलगांव महात्मा गांधी - गांधीजी एकमात्र बार अध्यक्ष बने।
1925 कानपुर सरोजिनी नायडू - प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष।
1929 लाहौर जवाहरलाल नेहरू - 'पूर्ण स्वराज' का प्रस्ताव।
1931 कराची वल्लभभाई पटेल - मौलिक अधिकारों का प्रस्ताव।
1937 फैजपुर जवाहरलाल नेहरू - गांव में पहला अधिवेशन।
1938 हरिपुरा सुभाष चंद्र बोस - राष्ट्रीय नियोजन समिति का गठन।
1939 त्रिपुरी सुभाष चंद्र बोस - बोस ने इस्तीफा दिया (राजेंद्र प्रसाद बने)।
1946 मेरठ जे.बी. कृपलानी - आजादी के समय अध्यक्ष।
नोट: 1930, 1935 और 1941-1945 के बीच कांग्रेस के कोई औपचारिक वार्षिक अधिवेशन नहीं हुए थे। यह वो दौर था जब सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन अपने चरम पर थे।

परीक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण तथ्य (Key Facts)

अगर आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो इन पॉइंट्स को जरूर याद रखें:

  • सबसे ज्यादा अधिवेशन कहाँ हुए? : कलकत्ता (अब कोलकाता) में।
  • सबसे युवा अध्यक्ष: मौलाना अबुल कलाम आजाद (1923, विशेष अधिवेशन)।
  • प्रथम अंग्रेज अध्यक्ष: जॉर्ज यूल (1888)।
  • आजादी के समय अध्यक्ष: जे.बी. कृपलानी।
  • 1947 के बाद: 1948 में जयपुर अधिवेशन हुआ जिसकी अध्यक्षता पट्टाभि सीतामैया ने की थी।

निष्कर्ष

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के ये अधिवेशन केवल तारीखें नहीं हैं, बल्कि भारत की आजादी के संघर्ष की एक क्रमिक कहानी हैं। 1885 में 72 लोगों के साथ शुरू हुआ यह कारवां 1947 तक आते-आते करोड़ों भारतीयों की आवाज बन गया।

हमें उम्मीद है कि "कांग्रेस अधिवेशन लिस्ट" (Congress Session List in Hindi) का यह लेख आपके ज्ञानवर्धन और परीक्षा की तैयारी में मददगार साबित होगा। इस सूची को बुकमार्क कर लें ताकि रिवीजन के समय काम आ सके।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न: कांग्रेस के पहले अधिवेशन में कितने लोगों ने भाग लिया था?

उत्तर: पहले अधिवेशन (1885) में कुल 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।

प्रश्न: महात्मा गांधी ने कांग्रेस के किस अधिवेशन की अध्यक्षता की थी?

उत्तर: महात्मा गांधी ने केवल एक बार, 1924 के बेलगांव अधिवेशन की अध्यक्षता की थी।

प्रश्न: भारत की आजादी के समय कांग्रेस का अध्यक्ष कौन था?

उत्तर: आजादी के समय (1947) जे.बी. कृपलानी कांग्रेस के अध्यक्ष थे।


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