भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसमें भारत की शासन व्यवस्था, नागरिक अधिकारों, कर्तव्यों और संघीय ढांचे का पूर्ण विवरण है। इस लेख में हम जानेंगे कि भारतीय संविधान में कुल कितने भाग हैं, उनके नाम क्या हैं, और हर भाग किस विषय से संबंधित है।
📌 नोट: भारतीय संविधान में वर्तमान में कुल 25 भाग (Parts) हैं। हालांकि प्रारंभ में भाग VII (Part VII) मौजूद था, लेकिन 1956 में 7वें संविधान संशोधन द्वारा इसे हटा दिया गया। इसके बावजूद, संविधान की मूल क्रम संख्या (I से XXII) को बदला नहीं गया है। बाद में भाग IVA, IXA, IXB, और XIVA जैसे अतिरिक्त भाग जोड़े गए, जिससे कुल गिनती 25 हो गई।
📑 अनुक्रमणिका (Table of Contents)
भारतीय संविधान में कुल कितने भाग हैं?
मूल संविधान में 22 भाग (Parts) थे। लेकिन समय के साथ कई संशोधन (Amendments) हुए और वर्तमान में भारतीय संविधान में कुल 25 भाग हैं। हर भाग किसी न किसी विशिष्ट विषय से संबंधित है जैसे – नागरिकों के अधिकार, केंद्र-राज्य संबंध, न्यायपालिका, चुनाव आदि।
📋 संविधान के सभी 25 भागों का विस्तृत विश्लेषण
| भाग | विषय (Subject) |
|---|---|
| भाग I | संघ और उसका राज्य क्षेत्र |
| भाग II | नागरिकता |
| भाग III | मौलिक अधिकार |
| भाग IV | राज्य के नीति-निर्देशक तत्व |
| भाग IVA | नागरिकों के मूल कर्तव्य (42वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया) |
| भाग V | संघ सरकार |
| भाग VI | राज्य सरकारें |
| भाग VII | (हटा दिया गया – 1956) |
| भाग VIII | संघ राज्य क्षेत्र (UTs) |
| भाग IX | पंचायतें |
| भाग IXA | नगरपालिकाएं |
| भाग IXB | सहकारी समितियां |
| भाग X | अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र |
| भाग XI | संघ और राज्यों के बीच संबंध |
| भाग XII | वित्त, संपत्ति, अनुबंध और वाद |
| भाग XIII | भारत के क्षेत्र में व्यापार और वाणिज्य |
| भाग XIV | संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं (Services) |
| भाग XIVA | अधिकरण (Tribunals) |
| भाग XV | चुनाव (Elections) |
| भाग XVI | कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध (SC/ST/OBC आदि) |
| भाग XVII | राजभाषा (Official Language) |
| भाग XVIII | आपातकालीन उपबंध (Emergency) |
| भाग XIX | प्रकीर्ण (Miscellaneous) |
| भाग XX | संविधान में संशोधन (अनुच्छेद 368) |
| भाग XXI | अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध |
| भाग XXII | संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिंदी में प्राधिकृत पाठ और निरसन |
💡 संविधान के भागों का महत्व
हर भाग संविधान का एक आधार स्तंभ है। उदाहरण के लिए:
- भाग III नागरिकों को मौलिक अधिकार देता है, जो लोकतंत्र की आत्मा है।
- भाग IV में सरकार के कर्तव्य (DPSP) बताए गए हैं।
- भाग XVIII भारत को आपातकाल में बचाने के उपाय बताता है।
इन सभी भागों का उद्देश्य भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनाए रखना है।
❓ FAQs – सामान्य प्रश्न
Q. भारतीय संविधान में कुल कितने भाग हैं?
वर्तमान में कुल 25 भाग हैं। (मूल संविधान में 22 थे)।
Q. भाग VII को क्यों हटाया गया?
1956 के 7वें संविधान संशोधन द्वारा इसे हटा दिया गया था।
Q. मौलिक अधिकार किस भाग में आते हैं?
मौलिक अधिकार भाग III में आते हैं।
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